दाम्पत्य गुदगुदी

दाम्पत्य गुदगुदी-(जय श्री कृष्णा)

शादी की 25वीं सालगिरह पर पत्नी पुलकित होकर बोली:

"आप बिलकुल भी नहीं बदले। वैसे के वैसे ही भोले-भाले, वैसे ही शांत, एकदम पहले जैसे ही हैं।"

पति भी भावुक होकर बोल उठा:-

"जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।"

(पति का इलाज़ चल रहा है।)
              

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