आज मित्रता दिवस है... हालाँकि मित्रता किसी एक दिन की बात नही... लेकिन फिर भी एक दिन तो सब छोड़ कर इसके नाम कर देना चाहिए... उचित है , क्योकि सब कुछ तो इसी से है...
आप अकेले बोल तो सकते है.... लेकिन बातचीत नहीं कर सकते ..... आप अपने ही कंधे पे सिर रख रो नही सकते... आप अकेले आनन्दित हो सकते है... लेकिन उत्सव नहीं मना सकते..... अकेले आप मुस्करा तो सकते है... लेकिन हर्षौल्लास नहीं मना सकते.. हम सब एक दुसरे के बिना कुछ नहीं है यही रिश्तो की खूबसूरती है...
रिश्तों के कारण तो हर इंसान अच्छा लगता है लेकिन मित्रता वो रिश्ता है जो एक इंसान के कारण अच्छा लगता है.... और उसे हम कहते है मित्र..... जो इस रिश्ते को खूबसूरत बनाता है....
जिसके साथ मिलकर हर काम करना अच्छा लगता हो... पढ़ाई , खेल कूद , घूमना फिरना सब कुछ... और यह सब करते करते आप खाना शेयर कर लेते है , और फिर वो आपके घर है या आप उसके कुछ फर्क नही पड़ता .... थक गए तो उसी के बिस्तर वहीँ सो जाते है.....
जिसके साथ बैठ पढ़ाई करना कोई party करने जैसा हो कि तेरे बिना नही होगा रे
जिसके साथ आप बिना कुछ बोले सब बात कर लेते है आँखों के नटखट इशारों से
जिसके साथ एक दूजे की सारी राज की बातें महफूज हों
जिसके साथ गाली देकर बात करना भी प्यार हो
जिसके साथ अभी झगड़ा हो और अगले पल गले मिलना हो
जिसके साथ मुश्किल में शामिल होना ही नही बल्कि उस मुश्किल को समझना और उसका हल निकालना भी एक जिद्द हो ...... और फिर उसका गले लगा कर कहना.... अरे मैं हूँ न
मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि सबको ऐसा मित्र मिले _/\_
और मेरी आप सबसे भी प्रार्थना है कि आप भी ऐसे बन जाइए कि कोई गर्व करे यह बात कहने में कि आप उसके मित्र है
और मेरी ईश्वर से की गई प्रार्थना आपके माध्यम में पूरी हो जाएगी जब कोई आपको साथ पाकर ईश्वर को धन्यवाद देगा कि उसे आप जैसा दोस्त मिला
हमेशा खुश रहिये , हस्ते मुस्कुराते रहिये , खुशियाँ लुटाते रहिये
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